मन की बात: पीएम मोदी ने युवाओं से NCC से जुड़ने की अपील की, सशक्तिकरण और सामुदायिक पहल पर दिया जोर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' के 116वें एपिसोड में युवाओं से NCC में शामिल होने की अपील की। उन्होंने 'विकसित भारत यंग लीडर्स डायलॉग' की घोषणा की और पर्यावरण संरक्षण, डिजिटल सशक्तिकरण, और सामुदायिक पहलों की सराहना की।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के 116वें एपिसोड में देशवासियों से सीधा संवाद किया। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC) में युवाओं की भागीदारी को बढ़ाने की अपील की और इसके व्यक्तित्व विकास में योगदान को रेखांकित किया।
पीएम मोदी ने कहा, "मैं पूरे महीने 'मन की बात' का बेसब्री से इंतजार करता हूं ताकि आपसे सीधे संवाद कर सकूं।" उन्होंने युवाओं को 'विकसित भारत' के निर्माण में महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि उनकी ऊर्जा, कौशल और प्रतिबद्धता देश के विकास के लिए अनिवार्य है।
'विकसित भारत यंग लीडर्स डायलॉग' का ऐलान
प्रधानमंत्री ने 'विकसित भारत यंग लीडर्स डायलॉग' की घोषणा की, जो 11-12 जनवरी, 2025 को भारत मंडपम में आयोजित होगा। यह आयोजन स्वामी विवेकानंद की 162वीं जयंती के उपलक्ष्य में किया जाएगा, जिसमें देशभर के युवा नेता शामिल होकर भारत के विकास की दिशा में विचार-विमर्श करेंगे।
डिजिटल प्रौद्योगिकी में युवाओं की भूमिका
प्रधानमंत्री ने डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र की पहल की सराहना करते हुए इसे वरिष्ठ नागरिकों के लिए पेंशन प्रक्रिया को आसान बनाने वाला बताया। उन्होंने युवाओं की तारीफ करते हुए कहा, "हमारे युवा डिजिटल इनोवेशन और ऑनलाइन सुरक्षा के बारे में बुजुर्गों को शिक्षित कर रहे हैं, जिससे वे तकनीकी दुनिया में आत्मविश्वास से कदम रख रहे हैं।"
प्रेरणादायक पहल और सामुदायिक अभियान
पीएम मोदी ने चेन्नई के प्रकृति अरिवगम लाइब्रेरी जैसे पहल का जिक्र किया, जो युवाओं में स्क्रीन टाइम को कम कर रचनात्मकता बढ़ाने का काम कर रही है। उन्होंने कूडुगल ट्रस्ट और मैसूरु के 'अर्ली बर्ड' अभियान का भी उल्लेख किया, जो बच्चों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता फैला रहे हैं।
भारतीय प्रवासियों और सांस्कृतिक कूटनीति पर जोर
प्रधानमंत्री ने भारत-गयाना के सांस्कृतिक और कूटनीतिक संबंधों का जिक्र करते हुए भारतीय प्रवासियों की वैश्विक भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने 'ओरल हिस्ट्री प्रोजेक्ट' का जिक्र किया, जो भारत के विभाजन के पीड़ितों के अनुभवों को संरक्षित करने की दिशा में काम कर रहा है। उन्होंने इतिहास संरक्षण को भविष्य की सुरक्षा का आधार बताया।
पर्यावरण और स्वच्छता अभियानों की सराहना
प्रधानमंत्री ने 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान की प्रशंसा की, जिसके तहत पांच महीने में 100 करोड़ पेड़ लगाए गए हैं। उन्होंने हर किसी से अपनी मां के सम्मान में एक पेड़ लगाने की अपील की। मुंबई में वेस्ट-टू-वेल्थ पहल और कानपुर के प्लॉगर्स ग्रुप द्वारा स्वच्छता अभियान की भी सराहना की।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सामुदायिक सहभागिता, पर्यावरण संरक्षण और सांस्कृतिक धरोहर के प्रति जिम्मेदारी युवाओं और समाज को सशक्त बनाती है। 'मन की बात' के माध्यम से उन्होंने ऐसे कई उदाहरण प्रस्तुत किए जो देश में सकारात्मक बदलाव ला रहे हैं।
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