26 वर्षीय महिला टेक इंजीनियर बनी साइबर ठगी का शिकार, 25.5 लाख रुपये गवांए

बेंगलुरु की 26 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर साइबर ठगी का शिकार होकर 25.5 लाख रुपये गवां बैठीं। जानें कैसे चार दिनों तक "डिजिटल अरेस्ट" में रखकर ठगों ने उन्हें जाल में फंसाया।

Dec 5, 2024 - 00:48
 0  5
26 वर्षीय महिला टेक इंजीनियर बनी साइबर ठगी का शिकार, 25.5 लाख रुपये गवांए

बेंगलुरु, 3 दिसंबर: बेंगलुरु की रहने वाली 26 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर शीतल गुप्ता साइबर अपराधियों का शिकार बन गईं। चार दिनों तक चले एक "डिजिटल अरेस्ट" के दौरान ठगों ने उन्हें 25.5 लाख रुपये की ठगी में फंसा दिया। यह राशि शीतल की तीन साल की कड़ी मेहनत और बचत थी, जो उन्होंने शेयर और म्यूचुअल फंड में निवेश करके जुटाई थी।

घटना की शुरुआत कैसे हुई?

24 नवंबर को, शीतल को एक ऑटोमेटेड कॉल आई जिसमें दावा किया गया कि उनका आधार नंबर और फोन नंबर आपराधिक गतिविधियों में इस्तेमाल हो रहा है। कॉलर ने खुद को दिल्ली साइबर क्राइम अधिकारी बताया और शीतल को भरोसा दिलाया कि उनकी जानकारी का दुरुपयोग कर 68 लाख रुपये का अवैध लेनदेन हुआ है, जो 17 बच्चों के अपहरण और मानव अंग तस्करी से जुड़ा है।

इसके बाद, एक वीडियो कॉल पर एक व्यक्ति ने खुद को पुलिस अधिकारी "सुनील तिवारी" बताया। उसने पुलिस और सीबीआई जांच का हवाला देकर शीतल को विश्वास दिलाया कि वह इस मामले में फंस गई हैं। उन्हें दो विकल्प दिए गए—या तो पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर ले जाएगी, या फिर वह कुछ दिनों तक "डिजिटल निगरानी" में रहेंगी।

डिजिटल अरेस्ट का जाल

डर और भ्रम के कारण, शीतल ने डिजिटल निगरानी का विकल्प चुना। इसके तहत, उन्हें चार दिनों तक व्हाट्सएप वीडियो कॉल पर बने रहना था और किसी से बात नहीं करनी थी। ठगों ने इस दौरान शीतल से उनकी व्यक्तिगत और वित्तीय जानकारी हासिल कर ली।

तीसरे दिन, ठगों ने शीतल से उनके निवेश और बैंक खातों की जानकारी मांगी। उन्होंने आरबीआई के फर्जी नोटिस का सहारा लेकर शीतल से उनके शेयर और म्यूचुअल फंड को भुनाने को कहा। उनका दावा था कि जांच के बाद यह धनराशि वापस कर दी जाएगी।

25.5 लाख रुपये की ठगी

चौथे दिन, म्यूचुअल फंड से पैसे निकालने के बाद शीतल के बैंक खाते में 25.5 लाख रुपये आए। ठगों ने शीतल को बताया कि यह पैसा एक "सीबीआई खाते" में ट्रांसफर करना होगा। उन्होंने शीतल को आरटीजीएस के जरिए यह पैसा भेजने के लिए कहा, और शीतल ने उनके बताए खाते में पूरा पैसा ट्रांसफर कर दिया।

इसके बाद, ठगों ने शीतल पर 68 लाख रुपये देने का दबाव डाला। जब उन्होंने अपने परिवार से पैसे मांगने को कहा, तो शीतल को शक हुआ और उन्होंने अपने एक सहकर्मी को यह घटना बताई। सहकर्मी ने तुरंत बताया कि वह ठगी का शिकार हो चुकी हैं।

पुलिस से शिकायत

शीतल ने अपनी बहन के साथ जाकर बेंगलुरु साइबर क्राइम पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने बताया कि ठगों ने उनकी राशि को अलग-अलग छह खातों में ट्रांसफर कर दिया था।

साइबर अपराध विशेषज्ञों की सलाह

पुलिस अधिकारी हजरिश किलेदार ने बताया कि यदि पीड़ित समय रहते पुलिस के पास पहुंचे, तो बैंक खातों को फ्रीज किया जा सकता है। लेकिन ठग पीड़ितों को लगातार कॉल पर व्यस्त रखते हैं ताकि पैसा अन्य खातों में ट्रांसफर किया जा सके।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow