महाराष्ट्र सरकार ने मराठा समुदाय को 10% आरक्षण देने का विधेयक किया पेश
महाराष्ट्र पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को मंजूरी, सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्ग में शामिल हुए मराठे
महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने मंगलवार को महाराष्ट्र पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को मंजूरी दे दी, जिसमें मराठा समुदाय को सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़ा वर्ग घोषित किया गया है और उन्हें शिक्षा और सरकारी नौकरियों में 10% आरक्षण की सिफारिश की गई है।
इसके साथ ही, सरकार ने आज विधानसभा में आरक्षण विधेयक पेश कर दिया है। गौरतलब है कि इस आरक्षण के बाद राज्य में आरक्षण की कुल सीमा 50% से अधिक हो जाएगी।
रिपोर्ट के मुख्य बिंदु:
- मराठा समुदाय को शैक्षणिक और सरकारी संस्थानों में 10% आरक्षण की सिफारिश।
- आयोग ने रिपोर्ट में मराठों को सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़ा वर्ग बताया।
- 50% आरक्षण सीमा को पार करने के लिए "असाधारण परिस्थितियों" का हवाला दिया गया।
- आज विधानसभा में आरक्षण विधेयक पेश किया गया।
अतिरिक्त जानकारी:
- पिछले शुक्रवार को आयोग ने रिपोर्ट सौंपी थी।
- 84% मराठों को आर्थिक रूप से कमजोर माना गया।
- समुदाय के विकास के लिए आरक्षण को आवश्यक और महत्वपूर्ण कदम माना गया।
- रिपोर्ट में संविधान के अनुच्छेद 15(4), 15(5) और 16(4) का हवाला दिया गया।
संभावित चर्चा के बिंदु:
- मौजूदा आरक्षण कोटे पर 50% सीमा से अधिक आरक्षण देने का प्रभाव।
- संभावित कानूनी चुनौतियों पर चिंता।
- मराठों और अन्य समुदायों के लिए सामाजिक और आर्थिक प्रभाव।
- विभिन्न राजनीतिक दलों और हितधारकों के विचार।
What's Your Reaction?