बीजेपी की पहली सूची में नवी मुंबई से पिता गणेश नाईक को टिकट, बेटे संदीप नाईक को इनकार
नवी मुंबई में बीजेपी का बड़ा सियासी ड्रामा! पिता गणेश नाईक को मिला एरोली से टिकट, लेकिन बेटे संदीप नाईक को बेलापुर से नहीं मिला मौका। क्या नाईक परिवार उठाएगा बगावत का कदम? अब उनकी अगली चाल पर सबकी नजरें टिकीं!
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने अपनी पहली सूची जारी कर दी है, जिसमें एरोली से पूर्व मंत्री और वरिष्ठ नेता गणेश नाईक को टिकट दिया गया है। दूसरी ओर, बेलापुर सीट से मौजूदा विधायक मंदा म्हात्रे को फिर से पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है।
यह फैसला नवी मुंबई बीजेपी में तनाव का कारण बन रहा है क्योंकि गणेश नाईक के बेटे और नवी मुंबई बीजेपी के अध्यक्ष संदीप नाईक को बेलापुर से टिकट नहीं मिला। संदीप नाईक, जो कई महीनों से बेलापुर में सक्रिय रूप से प्रचार कर रहे थे, ने सार्वजनिक रूप से चुनाव लड़ने की अपनी इच्छा जताई थी। इसके चलते उनके और मौजूदा विधायक मंदा म्हात्रे के बीच तनाव पैदा हो गया था।
नाईक समर्थकों में इस फैसले को लेकर काफी नाराजगी है। उनके मुताबिक, नाईक परिवार के साथ लंबे समय से अन्याय हो रहा है। गणेश नाईक को पहले बेलापुर से टिकट नहीं मिला, पूर्व सांसद संजीव नाईक को लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं दिया गया, और अब संदीप नाईक को विधानसभा चुनाव से वंचित कर दिया गया है।
बीजेपी शहर महासचिव नेत्रा शिर्के ने कहा, "हमें उम्मीद है कि पार्टी यह समझेगी कि संदीप नाईक, जो युवा, शिक्षित और दो बार के विधायक हैं, बेलापुर क्षेत्र के विकास के लिए एक दृष्टि रखते हैं। यदि उन्हें टिकट नहीं दिया गया तो हम पार्टी के फैसले पर पुनर्विचार करेंगे, लेकिन हम मंदा म्हात्रे के लिए काम नहीं करेंगे।"
संदीप नाईक और उनके समर्थक अब आगे की रणनीति पर विचार कर रहे हैं। लगातार बैठकें हो रही हैं, और जल्द ही उनके अगले कदम का ऐलान होने की उम्मीद है। सवाल उठ रहा है कि क्या नाईक परिवार बीजेपी से दूरी बना सकता है, या कोई अन्य बड़ा राजनीतिक कदम उठाएगा।
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